Viram Chihn By Avinash Ranjan Gupta
विराम चिह्न
(PUNCTUATION MARK)
हिंदी
में विराम चिह्न पश्चिम की देन है। जिस प्रकार अंग्रेज़ी से बहुत-सी चीज़ें अच्छे या
बुरे रूप में आईं हैं, उसी प्रकार विराम चिह्न भी
हमने अंग्रेज़ी भाषा से लिया है। संस्कृत में विराम-चिह्नों की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि उसमें भाषा ठठा व्याकरण संबंधी कुछ विशेष बातें थी। यों तो बहुत
से विद्वान विराम-चिह्नों का विशेष
महत्त्व नहीं मानते, परंतु हम ध्यानपूर्वक देखें तो उनकी
आवश्यकता स्पष्ट ज्ञात होगी।
विराम-चिह्नों के ठीक-ठाक प्रयोग न होने से अर्थ का अनर्थ हो सकता है; उदाहरण के लिए एक वाक्य ले सकते हैं-
रुको, मत मारो। और रुको मत, मारो।
पहले
वाक्य का अर्थ है रुक जाओ मत मारो। और दूसरे वाक्य का अर्थ है रुको मत मारो। इस
प्रकार हमने देखा कि अल्प विराम (Comma) का
प्रयोग उचित न होने पर अर्थ-परिवर्तन हो जाता है।
पूर्ण विराम (FULLSTOP)-(। )
वाक्य के समाप्त होने पर पूर्ण विराम चिह्न लगाया जाता
है;
जैसे- मैं किताब पढ़ता हूँ।
सीता गीत गाती है।
एक वाक्य के समाप्त
होने पर और दूसरे वाक्य के आरंभ में हमें
थोड़ा विराम लेना चाहिए।
अल्प विराम (Comma) (,)
जब किसी शब्द, पद, वाक्यांश अथवा वाक्य-खंड में अल्प समय के लिए
रुकना आवश्यक होता है, तो अल्प विराम चिह्न का प्रयोग किया
जाता है, यह निम्नलिखित अवस्थाओं में होता है -
1. एक वाक्य में एक समान आए शब्दों, वाक्यांशों के बीच और समानाधिकरण वाक्यों के बीच अल्प विराम चिह्न लगाया जाता है;
जैसे – राम, श्याम और मोहन टहल रहे हैं।
तुम रात-दिन
खेलने-कूदने, गाने-बजाने और मार-पीट की
बातें किया करते हो।
2. संबोधन के बाद भी अल्प विराम लगाए जाते हैं;
जैसे- राजू, थाली लेकर आओ।
3. जहां ‘और’ तथा ‘तब’ लुप्त हो जाए अल्प
विराम लगाए जाते हैं;
जैसे – मैं
खाना खा रहा था,(और)माँ
रोटियाँ बना रही थीं।
जब मैं स्टेशन
पर पहुँचा,(तब)
तुम टिकट ले रहे थे।
4. किन्तु, परंतु के पूर्व अल्प विराम लगाए जाते हैं;
जैसे – मैं
जाता परंतु, पिताजी नहीं माने।
(इसका प्रयोग
वर्तमान काल में नहीं होता है)
प्रश्न सूचक चिह्न
(Sign
of Interrogation )-(?)
प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग ऐसे वाक्यों के अंत
में किया जाता है, जिसमें कुछ पूछा जा रहा हो;
जैसे – तुम कहाँ जा रहे हो?
वहाँ
कौन है?
यह किसने किया?
आप कब आइएगा?
कभी कभी ऐसा भी होता है कि प्रश्नवाचक शब्द होने
पर भी प्रश्न सूचक चिह्न का प्रयोग नहीं किया जाता है; जैसे – क्या बात करते हो तुम।
कोई तो ज़रूर आएगा।
प्रश्नसूचक चिह्न का प्रयोग करने से पहले अर्थ समझ लेना चाहिए।
विस्मयादिबोधक चिह्न (Sign of Exclamation)- (!)
विस्मयादिबोधक चिह्न का प्रयोग हर्ष, आश्चर्य, शोक, भाय, घृणा, विषाद आदि भावों को प्रकट करने के लिए शब्द, पद,
वाक्यांश और वाक्य के अंत में किया जाता है;
जैसे – वाह! मजा आ गया।
अरे!
तुम यहाँ।
छि!
छि! कितनी बदबू है।
विशेष द्रष्टव्य-
विस्मयादिबोधक चिह्न एक प्रकार की ध्वनि है जिससे वक्ता की वर्तमान मनोवृति का पता
चलता है।
अपूर्णता सूचक चिह्न
(xxxxxxxxx
)
जब कोई बात पूरी न कहकर अधूरी छोड़ दी जाती है तो इसे दर्शाने के
लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है;
|
स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है।
अर्ध विराम (SEMICOLON)- (;)
अर्ध विराम का प्रयोग उन स्थानों पर होता है, जहाँ अल्प विराम से काम नहीं चलता और उसकी अपेक्षा
कुछ अधिक समय रुकने की आवश्यकता होती है। इसका प्रयोग हम तब करते हैं जब प्रधान और
समानाधिकरण वाक्य में अधिक संबंध न प्रदर्शित होता हो;
जैसे- कॉलेज बंद है; क्लासेस नहीं
होती; मैं क्या करूँ?
अशुद्धि
चिह्न (Sign
of Incorrectness)
इस
चिह्न का प्रयोग अशुद्धता सूचित करने के लिए करते हैं;
जैसे-
क्रिया+कर्ता+कर्म x
सीता
गाना गाता है। x
मोहन
ने रोटी खाया। x
कथन चिह्न (Sign
of Dialogue)
इस
चिह्न का प्रयोग कथा या संवाद के लिए किया जाता है;
जैसे –
राम —कहाँ जा रहे हो?
मोहन —बाज़ार जा रहा हूँ।
कोष्ठक चिह्न (Brackets)-(),{},[]
कोष्ठक चिह्न तीन
प्रकार के होते हैं -(),{},[]। किसी शब्द या वाक्यांश को समझाने के लिए हम कोष्ठक
का प्रयोग करते हैं;
जैसे-
1.तुम्हारे समान
अहिंसक (अहिंसा में विश्वास रखने वाला)से यह आशा न थी।
2. वे (पंत
जी)प्रकृति के सुकुमार कवि हैं।
3. कैकयी ने कहा
–(सक्रोध) चली जा मंथरा।
4. नौकर-(हाथ
जोड़कर) माफी दे दो मालिक।
कोष्ठक चिह्न का
प्रयोग सूचक अंकों तथा अक्षरों को बतलाने के लिए भी किया जाता है;
जैसे- (1) (ख)
विशेष द्रष्टव्य – {} [] कोष्ठक चिह्नों का प्रयोग प्राय: नहीं होता।
निर्देशक या
विवरण चिह्न (—
:-)
इस
चिह्न का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है-
1. किसी वाक्य को स्वतंत्र रखने के लिए, जैसे- रमेश :- तुम खूब पढ़ो
2. इसका प्रयोग विस्तार से किसी बात को कहने के लिए भी होता है;
जैसे – समास के छह भेद हैं -
:-
शब्द शक्तियाँ
निम्नलिखित हैं - :-
निम्नलिखित
प्रशनों के उत्तर दीजिए - :-
पुनरुक्ति सूचक चिह्न (-----,,-----,,-----)
इस
चिह्न का प्रयोग किसी बात को दोहराने के लिए किया जाता है।
रमेश
कुमार , कक्षा सातवीं
राजेश ,, ,, ,,
समाप्ति सूचक चिह्न (----x----x----x----)
इस
चिह्न का प्रयोग किसी वाक्य, प्रसंग या अध्याय की
समाप्ति पर किया जाता है;
|
त्रुटिपूरक या हंसपद चिह्न Caret -(^)
इस
चिह्न का प्रयोग किसी वाक्य में जब कोई शब्द या वाक्यांश छूट जाता है तो यह चिह्न
लगाकर आवश्यक शब्द या बात लिख दिया जाता है;
|
जैसे- मेरे कोट का रंग ^है।
राम एक ^लड़का है।
तुलना सूचक चिह्न
-(Sign of Equal Two)-(=)
इस चिह्न का प्रयोग
बराबरी दर्शाने के लिए होता है;
जैसे- 2 +2
= 4
सु + कुमार = सुकुमार
अवतरण या उद्धरण
चिह्न इकहरा (Single Inverted Comma)- (‘ ’)
किसी उक्ति, किसी प्रसिद्ध
वस्तु या स्थान के नाम को सूचित करने के लिए इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है;
जैसे- इसके कवि ‘कबीरदास’ हैं।
‘महात्मा
गाँधी’ राष्ट्रपिता हैं।
ओडिशा के समाचार
पत्रों में ‘समाज’ बहुत
प्रसिद्ध है।
‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा’ की उक्ति
बहुत प्रचलित है।
विलोम चिह्न -(Antonym)-(#)
इस
चिह्न का प्रयोग शब्द के विपरीत रूप लिखने के लिए किया जाता है ;
जैसे- दिन # रात
सुबह # शाम
सामासिक या योजक चिह्न (Compound Hyphen)-(-)
इस
चिह्न का प्रयोग सामासिक शब्दों में होता है या ऐसा भी कहना उचित होगा कि इसका
प्रयोग दो पदों के बीच होता है ;
जैसे-
राम-रावण, माता-पिता, रात-दिन
यह चिह्न दो
पदों के बीच में ‘और’ शब्द का लोप कर देता है।
राम(और)रावण,
माता(और)पिता, रात(और)दिन
इस
चिह्न के प्रयोग से लेखनी में शब्द सीमा घटाई जा सकती है।
योजक चिह्न (Hyphen)-(-)
इस
चिह्न का प्रयोग पुनरुक्त शब्दों के साथ होता है;
जैसे
– धीरे-धीरे, पके-पके, मोटे-मोटे
इत्यादि ।
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