Tantara Vameero Katha Leeladhar Mandloi By Avinash Ranjan Gupta
TATnAARA-VAMEERO KATHA PAATH KE KUCHH SMARANEEY BINDU BY AVINASH RANJAN GUPTA
TANTARA-VAMEERO KATHA PAATH KA SHABDARTH click here
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक—दो पंक्तियों में दीजिए-
1. तताँरा—वामीरो कहाँ की कथा है?
2. वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
3. तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?
4. तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
5. क्रोध में तताँरा ने क्या किया?
1. तताँरा—वामीरो अंदमान-निकोबार द्वीपसमूह की प्रचलित लोककथा है ।
2. सागर के किनारे गाती वामीरो को सागर की ऊँची लहर
ने भिगो दिया और इस हड़बड़ाहट में वह अपना गाना भूल गई।
3. तताँरा ने वामीरो से याचना की कि वह कल भी उसी स्थान
पर आए। वह उसकी प्रतीक्षा करेगा।
4. तताँरा और वामीरो के गाँव की रीति थी कि बाहर
के किसी गाँववाले से वैवाहिक संबंध नहीं हो सकता।
5. क्रोध में तताँरा का हाथ तलवार की मूठ पर चला गया
और उसने तलवार धरती में गाड़ दी।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1. तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
2. वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया।
3. तताँरा—वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में
क्या परिवर्तन आया?
4. निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
1. तताँरा की तलवार लकड़ी की थी। वह उसे सदा अपने पास रखता था। लोगों का
मत था कि उस तलवार में कोई अलौकिक शक्ति है। तताँरा को उस तलवार
का प्रयोग करते कभी भी किसी ने नहीं देखा था।
2. तताँरा वामीरो से गाना अधूरा छोड़ देने का कारण पूछ रह था। वामीरो को लगा
कि तताँरा उसे घूर रहा है तथा अपने गाँव के अलावा किसी अन्य गाँव के युवक को जवाब देना
उसे उचित नहीं लगा इसलिए उसने तताँरा को बेरुखी से जवाब दिया ।
3. तताँरा—वामीरो की त्यागमयी
मृत्यु से निकोबार के उन द्वीपों के लोगों का हृदय परिवर्तन हुआ और वे दूसरे गाँव वालों
से भी संबंध स्थापित करने लगे।
4. तताँरा एक नेक, ईमानदार,
सबकी मदद करनेवाला, सुंदर और शक्तिशाली युवक
था इसलिए लोग उसे पसंद करते थे।
लिखित
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
1. निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास
है?
2. तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ
के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
3. वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
4. प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति—प्रदर्शन के
लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
5. रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों?
स्पष्ट कीजिए।
1.
निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का दृढ़ विश्वास है
है कि तताँरा की रहस्यमयी तलवार ने उस द्वीप के दो खंड कर दिए अन्यथा वह एक द्वीप ही
था। तताँरा ने गुस्से में अपनी तलवार धरती
में गाड़ी और भागता गया जिससे धरती दो भागों में विभक्त हो गई।
2.
तताँरा दिनभर मेहनत करने के बाद समुद्र के तट पर
टहलने गया। दूर सूरज डूबता हुआ ऐसा लग रहा था मानो वह समुद्र की गोद में सोने जा रहा
हो। समुद्र के खारे जल पर सूरज अपनी रंग-बिरंगी किरणें बिखेर रही थी। पक्षियों के गाने
की आवाज़ धीमी होती जा रही थी। ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी। समुद्र की लहरों का शोर भी
बीच-बीच में उठता और गिरता था।
3.
वामीरो से मिलने के बाद तताँरा पूरी रात बेचैन रहा। उसका हृदय वामीरो से मिलने
के लिए व्याकुल था। पूरा दिन उसे बहुत ही उबाऊ लगा। उसे तो शाम की प्रतीक्षा थी। उसके
जीवन का यह पहला अवसर था जब वह किसी से मिलने को इतना व्याकुल था। वह चाहता था कि जल्दी
से वामीरो से मिलने का समय आ जाए। तताँरा का वामीरों के प्रति प्रेम बढ़ता ही गया जिस
पर गाँव का नियम भी अंकुश न लगा पाया।
4.
प्राचीन काल में पशु मेले तथा अन्य मेलों का आयोजन किया जाता था। पशु मेले में
पशुओं का प्रदर्शन तो होता ही था इसके साथ
ही युवकों के दंगल तथा शक्ति प्रदर्शन की भी प्रतियोगिताएँ हुआ करती थीं। गाँव के शक्तिशाली
विजेता युवक का सम्मान भी किया जाता था। इन मेलों के बाद के भोजन, संगीत और नृत्य का भी आयोजन होता था। सब गाँव
वालो इन मेलों में भाग लेते थे। ।
5.
रूढ़ियाँ और बंधन एक सीमा तक समाज को मर्यादा में रखने के लिए होते हैं। यदि
इन्हीं मर्यादाओं के कारण मानव भावनाएँ आहत होने लगे तो उन मर्यादाओं की सीमा पर पुनः
विचार की आवश्यकता होती है। तताँरा और वामीरों
दोनों अलग-अलग गाँव के थे। तताँरा बहुत ही नेक, ईमानदार और सबकी मदद करने वाला शक्तिशाली युवक था।
सारा गाँव उसका आदर करता था। लेकिन जब उसी तताँरा को दूसरे गाँव की लड़की से प्रेम हो गया तो सब उसका
विरोध करने लगे। गाँव वालों की ज़िद के कारण ही तताँरा और वामीरों को अपने प्राण गँवाने
पड़े। इस प्रकार रूढ़ियाँ जो समाज का कुछ भला नहीं कर रही अपितु नुकसान कर रही हैं तो
उन रूढ़ियों का टूट जाना ही समाज के लिए बेहतर है।
लिखित
(ग) निम्नलिखित
के आशय स्पष्ट कीजिए-
1. जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती
में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
2. बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब
सकती थी।
1.
इस कथन का आशय यह है कि जब यह तय हो गया कि तताँरा और वामीरों का विवाह नहीं हो सकता
तब भी वे दोनों मिलते रहे। पशु पर्व पर जब वामीरों तताँरा से मिलकर रोने लगी तो वामीरों की माँ ने वहाँ आकार अपना क्रोध
व्यक्त किया। उसने तताँरा को अपमानित किया। अब तताँरा के क्रोध का कोई ठिकाना नहीं
रहा। अपने गुस्से को शांत करने के लिए उसने अपनी दिव्य तलवार को धरती में गाड़ दिया
और खींचता गया। इस प्रकार धरती चीरकर उसने अपने क्रोध व विक्षोभ का प्रदर्शन किया।
2. तताँरा ने वामीरों से मिलने का आग्रह किया था। वह शाम के समय वामीरो
की प्रतीक्षा कर रहा था। सूरज डूब रहा था। उसकी किरणें समुद्र की लहरों में कभी दिखती
कभी छिप जाती थीं। इसी प्रकार तताँरा के मन को भी उम्मीद थी कि वमीरो उससे मिलने आएगी
परंतु शंका के कारण उसकी उम्मीद बीच-बीच में डूबने लगती थी।
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