Shukrataare Ke Saman Paath Ka Shabdarth By Avinash Ranjan Gupta
शुक्रतारे के समान
स्वामी आनंद
शब्दार्थ
1.
मूल – जड़
2.
निदेशन -
Direction
3.
सचिव – Secretary
4.
प्रतिभा – गुण
5.
अभिभूत - प्रसन्न
6.
ऊर्जा – Energy
7.
लगन – पूरे दिल से
8.
रेखाचित्र -
साहित्य की एक विधा
9.
उकेरा – प्रसतुत करना
10.
दिनचर्या -
Daily routine
11.
समर्पण – Dedication
12.
निरभिमान – जिसमें अभिमान न हो
13.
ईमानदारी – Honesty
14.
अभिमान – Garv
15.
शख्सियत – Personality
16.
तमाम – कुल
17.
आभा—प्रभा — चमक, तेज़
18.
नक्षत्र—मंडल — तारा समूह
19.
हम्माल — बोझ उठानेवाला, कुली
20.
पीर — महात्मा, सिद्ध
21.
बावर्ची — खाना पकानेवाला, रसोइया
22.
भिश्ती — मशक से पानी ढोनेवाला व्यक्ति
23.
खर — गधा, घास
24.
आसेतुहिमाचल —
सेतुबंध रामेश्वर से
हिमाचल तक विस्तीर्ण
25.
दुलारे — प्यारे
26.
ब्योरा — विवरण
27.
कालापानी — आजीवन कैद की सज़ा पाए कैदियों को रखने का स्थान, वर्तमान अंडमान निकोबार द्वीप समूह
28.
रूबरू — आमने—सामने
29.
धुरंधर — प्रवीण, उत्तम गुणों से युक्त
30.
टीका—टिप्पणी — व्याख्या, आलोचना
31.
चौकसाई — चौकस रहना, नज़र रखना
32.
कट्टर — दृढ़, जिसे अपने मत या विश्वास का अधिक आग्रह हो
33.
लाड़ला — प्यारा, दुलारा
34.
जिगरी दोस्त —
घनिष्ठ मित्र
35.
पेशा — व्यवसाय
36.
स्याह — काला
37.
सल्तनत — राज्य, हुकूमत
38.
व्याख्यान — भाषण, वक्तृता, किसी विषय की व्याख्या या टीका
करना
39.
फुलस्केप — कागज़ का एक आकार
40.
चौथाई — चौथा भाग
41.
अग्रगण्य — प्रमुख, सबसे पहले गिना जानेवाला
42.
विवरण — वर्णन, व्याख्या
43.
अघतन — अब तक का, वर्तमान से संबंध रखनेवाला
44.
गाद — तलछट, गाढ़ी चीज़
45.
सराबोर — तरबतर, डूबा हुआ
46.
अनवरत — लगातार
47.
सानी — बराबरी करनेवाला, उसी जोड़ का दूसरा
48.
अनगिनत — जिसे गिना न जा सके
49.
सिलसिला — क्रम
50.
अनायास — बिना किसी प्रयास के, आसानी से
51.
‘पीर—बावर्ची भिश्ती—खर’ — सभी प्रकार के कार्यों को
सफलतापूर्वक कर सकने में समर्थ व्यक्ति
श्रीमती
बेसेंट (एनीबेसेंट) — स्वाधीनता
आंदोलन की नेता। इन्होंने होमरूल लीग और थियोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना की
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