Samvaad Lekhan By Avinash Ranjan Gupta
विषय : दो मित्रों के बीच वृक्षारोपण पर बातचीत
सोमेश : नमस्कार नीरव!
आप कैसे हैं?
नीरव : नमस्कार! मैं
ठीक हूँ। आप बताइए, आपके क्या हालचाल हैं?
सोमेश : भाई आजकल तो मैं
वृक्षारोपण के कार्यक्रम में व्यस्त हूँ।
नीरव : वृक्षारोपण!
सोमेश : हाँ, वृक्षारोपण!
नीरव : कहाँ हो रहा है
ये वृक्षारोपण?
सोमेश : यहीं बोलानी
में।
नीरव : तो मैं भी इस
वृक्षारोपण के कार्यक्रम में शरीक होना चाहता हूँ।
सोमेश : स्वागत है
आपका।
विषय:- जनसंख्या नियंत्रण पर दो छात्रों के मध्य सम्वाद।
राकेश : वासु, आज मैंने अंग्रेजी के दैनिक समाचार-पत्र
में पढ़ा कि हम जनसंख्या में चीन के बराबर हो गए हैं। पता है आनेवाले समय में क्या
होगा?
वासु : क्या होने वाला है? चलो, किसी एक काम में तो हम चीन से आगे निकले।
राकेश : क्या कह रहे हो? यदि यही हाल रहा तो सरकार
द्वारा लोगों के कल्याण के लिए बनाई जानेवाली सभी योजनाएँ विफल हो जाएँगी।
वासु : तो, इसका अर्थ यह हुआ कि सरकार को चीन की तरह
जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने का निर्णय करना चाहिए।
राकेश : हाँ, शायद तुम सही कह रहे हो। चीन की सरकार ने
जनसंख्या नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाए हैं और
जनता ने भी सरकार का साथ दिया है।
विषय: बढ़ते हुए महिला अपराध के सन्दर्भ में दो महिलाओं के मध्य बातचीत लिखिए-
महिला (एक) : अरे! पूजा आज बहुत दिनों बाद दिखाईं दीं? कहाँ थीं?
महिला (दूसरी) : माताजी के साथ एक दुर्घटना हो गई थी इसलिए इधर आना
नहीं हुआ।
महिला (एक) : ओह! क्या हो
गया था?
महिला (दूसरी) : किसी बदमाश ने राह चलते गले की चेन खींच ली जिसके
कारण उनके गले में कुछ चोटें आईं थीं।
महिला (एक) : ओह! यह तो बहुत बुरा हुआ। आजकल दिनदहाड़ें ऐसी
वारदातें बहुत होने लगी हैं। लगता है जैसे पुलिस और कानून का डर ही
नहीं रहा है।
महिला (दूसरी) : हाँ, यदि पुलिस-विभाग अपनी
जिम्मेदारी सही तरह से निभाए तो बदमाशों की हिम्मत न हो।
विषय: पठन
शाखा (Stream) चयन को लेकर दसवीं उत्तीर्ण दो छात्रों के मध्य बातचीत लिखिए-
श्याम : क्या लेने की सोच रहो हो मित्र?
राकेश : मैं तो विज्ञान लूँगा क्योंकि मुझे डॉक्टर बनना है।
राकेश : तुमने क्या सोचा
है?
श्याम : विज्ञान तो मुझे भी लेने की इच्छा है परंतु मैं वाणिज्या
लूँगा।
राकेश : ऐसा क्यों?
श्याम: ऐसा इसलिए क्योंकि विज्ञान पढ़ने में पैसे और समय दोनों बहुत
लगते हैं ऊपर से गणित और भौतिक विज्ञान में मेरा हाथ कुछ ढीला है।
राकेश : जैसा तुम्हें ठीक लगे ऐसे आजकल वाणिज्य का भी बहुत बोलबाला
है।
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