Is Naye Ilake Me Aur Khushboo Rachate Hain Haath Kavita Ka Shabdarth By Avinash Ranjan Gupta
इस नए इलाके में
खुशबू रचते हैं हाथ
अरुण कमल
शब्दार्थ
1.
प्राध्यापक = Lecturer
2.
अनुवाद = Translation, तर्जुमा
3.
आत्मकथा = Biography
4.
विविध = विभिन्न
5.
रूपांतरित = Transformation
6.
शोषण = Exploitation
7.
व्यवस्था = System
8.
खिलाफ़ = Against
9.
आक्रोश = गुस्से में
10.
आकुलता = कुछ करने की उत्सुकता
11.
सर्वत्र = सभी जगह
12.
आमंत्रण = न्योता
13.
स्मृतियों = यादें
14.
सामाजिक = Social
15.
बेनकाब = Expose
16.
कारस्तानी = किया हुआ काम
17.
भयावह = डरावना
18.
मजबूर = बेबस
19.
विडंबना = दुविधा
20.
उपेक्षित = Deprived
21.
इलाका - क्षेत्र
22.
अकसर - प्रायः,
बहुधा
23.
ताकता - देखता
24.
ढहा - गिरा हुआ,
ध्वस्त
25.
ठकमकाता - धीरे—धीरे, डगमगाते हुए
26.
स्मृति - याद
27.
वसंत - छह ऋतुओं में से एक
28.
पतझड़ - एक ऋतु जब पेड़ों के पत्ते झड़ते हैं
29.
वैसाख (वैशाख) - चैत (चैत्र) के बाद आने वाला महीना
30.
भादों - सावन के बाद आने वाला महीना
31.
अकास (आकाश) - गगन
32.
नालों - घरों और सड़कों के किनारे गंदे पानी के बहाव के लिए बनाया गया रास्ता
33.
कूड़ा—करकट - रद्दी, कचरा
34.
टोले - छोटी बस्ती
35.
ज़ख्म - घाव, चोट
36.
मुल्क - देश
37.
केवड़ा - एक छोटा वृक्ष जिसके फूल अपनी सुगंध के लिए प्रसिद्ध हैं
38.
खस - पोस्ता
39.
रातरानी - एक सुगंधित फूल
मशहूर - प्रसिद्ध
Comments
Post a Comment