Report Lekhan Se jude Aam Prashn By Avinash Ranjan Gupta

प्रतिवेदन क्या होता है?
किसी कार्य, घटना, योजना, तथ्य आदि के संबंध में छान-बीन, पूछ-ताछ आदि करने के उपरांत तैयार किया हुआ विवरण जो किसी बड़े अधिकारी के पास भेजा जाता है उसे ही प्रतिवेदन कहते हैं। इसे अंग्रेजी में Report कहते हैं।
प्रतिवेदन कौन तैयार करता है?
किसी भी संस्था के मुख्य या निर्देशक मंडल (Board of Directors) ये तय करते हैं कि किसी मुद्दे पर किसे प्रतिवेदन तैयार करने को कहा जाए। प्रतिवेदन तैयार करना एक व्यक्ति का भी काम हो सकता है और इसके लिए समिति भी बनाई जा सकती हैं जिसमें निर्धारित सदस्य होते हैं।
कुछ प्रसिद्ध प्रतिवेदनों के नाम
मंडल कमीशन (दलित और पिछड़े वर्ग के आरक्षण के संदर्भ में)
कोठारी कमीशन (भारतीय शिक्षा के विविध रूपों पर)
शारदा कमीशन रिपोर्ट (कौशल विकास पर)
प्रतिवेदन का उद्देश्य
प्रतिवेदन का उद्देश्य है बीते हुए समय के मामलों, मुद्दों या किसी घटना की छान-बीन करके सटीक सूचनाएँ संग्रह करना और उसे बड़े अधिकारी को सुपुर्द करना ताकि उसपर उचित कार्यवाही की जा सके।
प्रतिवेदन के प्रकार
प्रतिवेदन के कई प्रकार हो सकते हैं-
(1) सभा, गोष्ठी या किसी सम्मेलन का प्रतिवेदन
(2) संस्था/संगठन (विद्यालय, सामाजिक, धार्मिक) का वार्षिक या मासिक प्रतिवेदन
(3) व्यावसायिक प्रगति या स्थिति का प्रतिवेदन
(4) जाँच समिति द्वारा प्रतिवेदन
क्या प्रतिवेदन में सुझाव भी हो सकते हैं?
जी हाँ, अगर समिति (Committee) से सुझाव की माँग की गई हो तो समिति अपने प्रतिवेदन में सुझाव भी दे सकती सकती है।
प्रतिवेदन का आकार और प्रारूप
प्रतिवेदन का कोई भी निश्चित आकार या प्रारूप नहीं होता है। प्रतिवेदन एक पृष्ठ का भी हो सकता है तो हजारों पृष्ठों का भी। ये प्रतिवेदन के प्रकार पर निर्भर करता है, जैसे सभा, गोष्ठी से जुड़े प्रतिवेदन छोटे और जाँच समिति द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रतिवेदन प्राय: बड़े होते हैं।
क्या प्रतिवेदन गोपनीय हो सकते हैं?
जी हाँ, कुछ प्रतिवेदन गोपनीय ही होते हैं। सरकारी काम-काजों में जब बहुत कुछ ऐसा होता है जिसे आम जनता से छिपाया जाता है ऐसे प्रतिवेदन प्राय: गोपनीय होते हैं। कुछ प्रतिवेदन सर्वसाधारण के लिए खुले होते हैं जिसे इंटरनेट या पत्रिका के माध्यम से पढ़ा जा सकता है। 
प्रतिवेदन लिखने के नियम
(1) प्रतिवेदन में किसी घटना या प्रसंग की मुख्य-मुख्य बातें लिखी जाती हैं।
(2) प्रतिवेदन में बातें एक क्रम में लिखी जाती हैं।
(3) प्रतिवेदन संक्षेप में लिखा जाता है।
(4) स्पष्टता एक अच्छे प्रतिवेदन की बड़ी विशेषता होती है।
(5) प्रतिवेदन सच्ची बातों का विवरण होता है।
(6) प्रतिवेदन में प्रतिवेदक की प्रतिक्रिया या धारणा व्यक्त नहीं होती है।

(7) प्रतिवेदन की साहित्यिक भाषा का प्रयोग वर्जित है। 

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