दृश्य लेखन का पहला उदाहरण By Avinash Ranjan Gupta

दृश्य लेखन का पहला उदाहरण
उदाहरणार्थ यदि प्रेमचंद की कहानी 'पूस की रात' के उस भाग की पटकथा (स्क्रीनप्ले) बिना डायलॉग के लिखी जाए, जिसमें सहना हल्कू से पैसे माँगने आता है, तो वह इस प्रकार से होगी- मुन्नी घर में झाड़ू लगा रही है। हल्कू आकर उससे कहता है कि सहना आया है और अपने पैसे माँग रहा है। मुन्नी ने बड़ी मुश्किल से तीन रुपए कंबल खरीदने के लिए बचाए हैं। वह रुपए देने से इनकार करती है, पर हल्कू के आग्रह और उसके अपमान के डर से वह तीन रुपए निकाल कर उसे दे देती है।

दृश्य 1/दिन/आन्तरिक दृश्य(इनडोर)/सहना की झोंपड़ी /हल्कू और मुन्नी

मुन्नी बाहरी दरवाजे की ओर पीठ करके झाड़ू लगा रही है। दरवाजा खुलता है, और हल्कू अंदर प्रवेश करता है। मुन्नी उसे चोर नज़र से एक बार देखती है और फिर अनजान बन जाती है। हल्कू मुन्नी के पास जाता है और धीरे से कहता है-


हल्कू
सहना आया है।
मुन्नी
आया है, तो आने दो .... मैं क्या करूँ?
हल्कू
(थोड़ा घबरा कर) वह अपना उधार माँगने आया है।
मुन्नी
 (उदासीनता से) पैसे हैं कहाँ?
हल्कू
 (विनती के स्वर में) लाओ, जो रुपए रखे हैं, उसे दे दूँ, किसी तरह गला तो छूटे।
मुन्नी
रुपए उसे दे दोगे, तो कंबल कहाँ से आएगा? माघ पूस की रात कैसे कटेगी? उससे कह दो फसल पर दे देंगे। अभी पैसा नहीं है।
हल्कू
 (समझाते हुए) तुम तो सहना को अच्छी तरह जानती हो.
.. वह न मानेगा... गालियाँ अलग देगा... हाथ-पैर तोड़ने की धमकियाँ देगा।
मुन्नी
पैसे अभी नहीं हैं तो कोई क्या करे?
हल्कू
(दयनीयता से) मेरी बात मान जा... गाँव वालों के सामने गालियाँ देगा तो क्या रह जाएगी। ...ला, दे दे.... कंबल के लिए कोई दूसरा उपाय सोचूँगा।
मुन्नी
(आँखें तरेर कर) कर चुके दूसरा उपाय। जरा सुनूँ तो कौन उपाय करोगे? कोई खैरात में दे देगा कंबल?
हल्कू
(गिड़गिड़ाते हुए) देख, मैं कहीं से ले आऊँगा.... कुछ भी कर लूँगा....
मुन्नी
अभी न जाने कितनी तो बाकी पड़ी है, जो किसी तरह चुकने में ही नहीं आती। मैं कहती हूँ तुम क्यों नहीं खेती छोड़ देते? मर-मर का काम करो, उपज हो तो बाकी दे दो, चलो छुट्टी हुई। बाकी चुकाने के लिए ही तो हमारा जन्म हुआ है। पेट के लिए मजूरी करो। ऐसी खेती से बाज आए। मैं रुपए न दूँगी ...न दूँगी। (बाहर से सहना की आवाज आती है।)
सहना
क्यों बे हल्कू, क्या घर में छिप कर बैठ गया... आऊँ मैं अंदर?
हल्कू
(जोर से) अभी आया सहना भइया... (धीरे से मुन्नी से कहता है) तुझे मेरी सौगंध। पैसे दे दे, नहीं तो बड़ी विपत्ति आ जाएगी...
  आ जाएगी... 

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