दृश्य लेखन से जुड़े सामान्य प्रश्न By Avinash Ranjan Gupta

दृश्य लेखन क्या है?
जब किसी फ़िल्म या धारावाहिक के किसी दृश्य (Scene) में दिखाए जाने वाले दृश्यों, पात्रों के संवादों या अन्य होने वाली क्रियाओं का लिखित रूप तैयार किया जाता है तो उसे दृश्य लेखन कहते हैं।
दृश्य लेखन की भूमिका
जिस प्रकार ईंटों को जोड़-जोड़ का घर बनाया जाता है, उसी प्रकार फ़िल्म, धारावाहिक या वृत्तचित्र (Documentary) भी दृश्यों को जोड़-जोड़ कर बनाया जाता है। इस दृष्टि से दृश्य किसी भी फ़िल्म, धारावाहिक या वृत्तचित्र की इकाई (Unit) है।
आकर्षक दृश्य कैसा होता है?
दृश्य जितने संक्षिप्त और सार्थक हों, उतना ही अच्छा माना जाता है। दृश्य के बारे में यह कहावत है कि उसे जितनी देर से पकड़ो, उतना अच्छा और दृश्य को जितनी जल्दी खत्म कर दो, उतना बढ़िया। मंझे हुए फिल्मकार अपने दृश्यों में एक भी अतिरिक्त शब्द का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
दृश्य लेखन के आवश्यक तत्त्व
किसी भी दृश्य को लिखते समय चार चीज़ों का उललेख अवश्य किया जाता है – दृश्य संख्या, समय, स्थान और पात्र। इसके अतिरिक्त दृश्य में अगर किसी विशेष सामग्री का उपयोग हो रहा हो, तो उसका उल्लेख दृश्य लेखन के शुरू में ही कर दिया जाता है।  
दृश्य संख्या - दृश्य संख्या घटनाओं की तारतम्यता की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होती है। सरल भाषा में फ़िल्म या धारावाहिक बहुत सारे दृश्यों का संकलन होता है उसे क्रमबद्ध तरीके से रखने के लिए दृश्य संख्या की आवश्यकता है।
समय  - आमतौर पर कहानियों में ज़्यादातर दृश्य दिन और रात के ही होते हैं पर विशेष स्थितियों में कुछ दृश्य सूर्योदय और सूर्यास्त के भी हो सकते हैं। इसलिए दृश्य में इस समय का स्पष्ट उल्लेख कर दिया जाता है।
स्थान - दृश्य लेखन में  समय के साथ-साथ स्थान का भी विशेष महत्त्व होता है। दृश्य किसी बंद कमरे का है अथवा खुली जगह का, इसका उल्लेख जरूरी होता है। यदि दृश्य किसी बंद कमरे (घर, स्कूल, होटल, अस्पताल आदि) का है, तो दृश्य लेखन में  आंतरिक दृश्य (इनडोर) लिखा जाता है। लेकिन यदि दृश्य किसी खुले स्थान (बरामदा, आँगन, सड़क, मैदान, पार्क आदि) का है, तो पटकथा में बाह्य दृश्य (आउटडोर) लिखा जाता है। स्थान के उल्लेख के बाद स्थान विशेष की पहचान का उल्लेख (जैसे रमेश का ड्राइंगरूम, विनोद का आउटहाउस आदि) भी यदि कर दिया जाए, तो उचित रहता है।

पात्र - स्थान के बाद दृश्य में पात्रों (नाम सहित) का विवरण दिया जाता है। इससे दृश्य विशेष की शूटिंग के समय संबंधित पात्रों के नाम जानने के लिए पूरा विवरण पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ती और एक जगह पर सभी पात्रों के नाम मिल जाते हैं। इस सबके बाद दृश्य संबंधी विवरण दिया जाता है कि इस दृश्य में कौन-कौन सी घटनाएँ घटती हैं। कौन व्यक्ति किससे क्या कह रहा है। 

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