नैतिक शिक्षा के गिरते स्तर पर एक रिपोर्ट By Avinash Ranjan Gupta

विद्यालय में नैतिक शिक्षा के गिरते स्तर को रोकने के लिए गठित समिति की ओर से प्रतिवेदन तैयार कीजिए।
विद्यालय में नैतिक के गिरते स्तर को रोकने के लिए गठित समिति निम्नलिखित प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है-
सदस्यों ने स्वीकार किया है कि विद्यालय में नैतिक का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है।
नैतिक शिक्षा के गिरते स्तर के निम्नलिखित कारण पाए गए हैं-
1.नैतिक शिक्षा की कक्षाएँ सभी कक्षाओं में सप्ताह में एक केवल कालांश के लिए ही होती है।
2.विद्यालय के पुस्तकालय में नैतिक शिक्षा की पाठ्य सामग्री पर्याप्त नहीं है।
3.विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा से जुड़ा कोई भी गृहकार्य नहीं दिया जाता है।
4.पाठ्यक्रम में गणित और विज्ञान को अत्यधिक प्राथमिकता मिलने के कारण नैतिक शिक्षा का महत्त्व कम होता जा रहा है।
5. अंग्रेजी माध्यमों वाले स्कूलों में भारतीय संस्कृति के प्रति उदासीनता एवं पाश्चात्य संस्कृति की ओर प्रबल रुझान भी इसका एक कारण है।

नैतिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए समिति निम्नलिखित सुझाव देती है-
1.नैतिक शिक्षा के अध्यापन के लिए योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।
2.विद्यालय के पुस्तकालय में नैतिक शिक्षा से संबंधित पर्याप्त पाठ्य सामग्री उपलब्ध कारवाई जाए।
3.विद्यार्थियों को महान आत्माओं के जीवन पर आधारित जीवनी और फिल्में दिखाई जाएँ।
4.पाठ्य सहगामी क्रियाओं (CCA) के अंतर्गत नैतिक शिक्षा पर आधारित कुछ प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँ।
5.वार्षिक समारोह में नैतिकता का अनुपालन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया जाए।
6.विद्यालय कार्यकाल में चरित्र निर्माण को सर्वोपरि माना जाए। 

दिनांक- 20 अक्टूबर, 2019
श्री अविनाश रंजन गुप्ता (अध्यक्ष)
श्री ज्ञानरंजन पाढी (सदस्य)
श्रीमती अरुणा राजपूत (सदस्य)
सुश्री रंजना राधेश्याम गहलौत (सदस्य)

श्री वेणु गोपाल नायर (सदस्य)

Comments

Popular Posts