कर्मों का प्रभाव Karmon ka prabhav By Avinash Ranjan Gupta


कर्म का प्रभाव
मैं बोलानी में अपने परिवार के साथ खुश था। हालाँकि, बोलानी खदानी इलाका (Mining area) है जिस वजह से यहाँ लाल धूल कण हमेशा हवा में मौजूद रहते हैं फिर भी यहाँ की आबो-हवा से हम पूरी तरह घुल-मिल गए थे कि आचनक एक दिन मेरे पास एक चिट्ठी आई जिसमें मेरा भुवनेश्वर वाले ऑफिस में ट्रांसफर का ऑर्डर था। मैं दुखी हुआ और पता चला कि जो मेरे स्थान पर जो आने वाला है उसने वहाँ कुछ अनैतिक काम किया था जिस वजह से दंडात्मक ट्रांसफर के रूप में उन्हें बोलानी आना पड़ा। एक दूसरी घटना यह थी कि गर्मी की छुट्टियों में जब हम अपनी कार से अपने गाँव जा रहे थे तभी किसी दंपत्ति ने हमसे लिफ्ट माँगी। चिलचिलाती धूप में जहाँ काली सड़कों पर कोई भी नज़र नहीं आ रहा था ये दंपत्ति का होना कुछ संशय तो पैदा कर ही रहा था मेरी पत्नी के मना करने के बावजूद मैंने उन्हें लिफ्ट दे दी। पता चला वे अस्पताल जा रहे हैं। उस अस्पताल के डॉक्टर से मेरी भी पहचान हुई और एक दिन रात में तबीयत खराब होने पर मैंने उसी डॉक्टर को फोन किया था। पहली घटना से मुझे ये पता चला कि अगर कोई दूसरा गलत काम करे तो उसका प्रभाव आप पर भी पड़ता है और अगर कोई दूसरा अच्छा काम करे तो उसका भी प्रभाव आप पर पड़ेगा ही।  राजनेताओं ने घपले किए और महँगाई की मार से हम पीड़ित हैं। देशभक्तों ने अच्छे काम किए और आज स्वतंत्र हम है। ध्यान देने वाली बात यह है कि आप अगर बुरा कर  रहे हैं तो आपके साथ-साथ दूसरों का भी बुरा हो रहा है और जब आप अगर अच्छा कर रहे हैं तो आपके साथ-साथ दूसरों का भी अच्छा हो रहा होता है।


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