Report Lekhan रिपोर्ट लेखन के आवश्यक बिंदु

रिपोर्ट क्या है?
किसी योजना, परियोजना या कार्य के नियोजन एवं कार्यान्वयन के नियोजन या घटना के पश्चात् उसके ब्यौरे के प्रस्तुतीकरण की रिपोर्ट कहते हैं। रिपोर्ट किसी घटना अथवा समारोह की भी होती है। आजकल यह रेडियो, टीवी तथा अखबार की विशिष्ट विधा है।


रिपोर्ट के गुण

रिपोर्ट का आकार संक्षिप्त होना चाहिए। उसमें निष्पक्षता का भाव बेहद ज़रूरी है। उसमें पूर्णता संतुलन होना अतिआवश्यक है।
विशेष रिपोर्ट
किसी विषय पर गहरी छानबीन, विश्लेषण और व्याख्या के आधार पर बनने वाली रिपोर्टों को विशेष रिपोर्ट कहते हैं। इन्हें तैयार करने के लिए किसी घटना, समस्या या मुद्दे की गहरी छानबीन की जाती है। उससे संबंधित तथ्यों को एकत्रित किया जाता है। तथ्यों के विश्लेषण से उसके नतीजे, प्रभाव और कारणों का स्पष्ट किया जाता है।

विशेष रिपोर्ट के प्रकार
ये कई प्रकार की होती हैं जो निम्नलिखित हैं-
खोजी रिपोर्ट - इसमें रिपोर्टर मौलिक शोध छानबीन के जरिए ऐसी सूचनाएँ या तथ्य सामने लाता है जो सार्वजनिक तौर पर पहले उपलब्ध नहीं थीं। उसका प्रयोग आमतौर पर भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए किया जाता है।
इन-डेप्थ रिपोर्ट - इसमें सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध तथ्यों, सूचनाओं और आँकड़ों की गहरी छानबीन की जाती है। छानबीन के आधार पर किसी घटना, समस्या या मुद्दे से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को सामने लाया जाता है।
विश्लेषणात्मक रिपोर्ट - इसमें किसी घटना या समस्या से जुड़े तथ्यों के विश्लेषण और व्याख्या पर जोर दिया जाता है।
विवरणात्मक रिपोर्ट - इसमें किसी घटना या समस्या का विस्तृत और बारीक विवरण प्रस्तुत किया जाता है।


विशेष रिपोर्ट लेखन की शैली
सामान्यत: विशेष रिपोर्ट को उल्टा पिरामिड शैली में ही लिखा जाता है, परंतु कई बार इन्हें फीचर शैली में भी लिखा जाता है। इस तरह की रिपोर्ट आमतौर पर समाचार से बड़ी होती है, इसलिए पाठक की रुचि बनाए रखने के लिए कई बार उलटा पिरामिड और फीचर दोनों शैलियों को मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। यदि रिपोर्ट बड़ी हो तो उसे शृंखलाबद्ध करके कई दिन तक किस्तों में छापा जाता है।

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