कॉमनवेल्थ गेम्स par aalekh Commonwealth Games Article


कॉमनवेल्थ  गेम्स
कॉमनवेल्थ  गेम्स  यानी  वह  खेल  प्रतियोगिता,  जिसमें  केवल  कॉमनवेल्थ  देश  की  टीमें  ही  हिस्सा  लेती  हैं।  कॉमनवेल्थ  के  सदस्य  वे  देश  हैं,  जो  कभी  ब्रिटिश  साम्राज्य  के  उपनिवेश  रहे  थे।  इस  विशाल  संगठन  की  सबसे  खास  बात  है  कि  इसके  सदस्य  देश  आपस  में  एक  ऑफिशियल  भाषा  और  कॉमन  वैल्यूज  से  जुड़े  होते  हैं।  अंग्रेजी  इन  सभी  देशों  की  ऑफिशियल  लैंग्वेज  है।  जाहिर  है,  एक  भाषा  के  कारण  सदस्य  देशों  की  टीमों  को  घुलने-मिलने  में  ज्यादा  सहूलियत  होती  है।  निश्चित  तौर  पर  इससे  एकजुटता  बढ़ती  है  और  दुनिया  में  मित्रता  का  संदेश  पहुँचता  है।  कॉमनवेल्थ  गेम्स  का  सबसे  पहला  प्रस्ताव  दिया  था,  वर्ष  1891  में  ब्रिटिश  नागरिक  एस्ले  कूपर  ने।  उन्होंने  ही  एक  स्थानीय  समाचार-पत्र  में  इस  खेल  प्रतियोगिता  का  प्रारंभिक  प्रारूप  पेश  किया  था।  इसके  अनुसार,  यदि  कॉमनवेल्थ  के  सदस्य  देश  प्रत्येक  चार  वर्ष  के  अंतराल  पर  इस  तरह  की  खेल  प्रतियोगिताओं  का  आयोजन  करें,  जो  उनकी  गुडविल  तो  बढ़ाएगा  ही,  आपसी  एकजुटता  में  भी  खूब  इज़ाफा  होगा।  फिर  क्या  था,  ब्रिटिश  साम्राज्य  को  कूपर  का  यह  प्रस्ताव  बेहद  पसंद  आया  और  उसके  साथ  ही  शुरू  हो  गया  खेलों  का  यह  महोत्सव।  पहली  बार  कॉमनवेल्थ  गेम्स  आयोजित  करने  की  कोशिश  हुई  वर्ष  1911  में।  यह  अवसर  था  किंग  जॉर्ज  पंचम  के  राज्याभिषेक  का।  यह  एक  बड़ा  उत्सव  था,  जिसमें  अन्य  सांस्कृतिक  आयोजनों  के  अलावा,  इंटर  एंपायर  चैंपियनशिप  भी  संपन्न  हुई।  इसमें  ऑस्ट्रेलिया,  कनाडा,  साउथ  अफ्रीका  और  यूके  की  टीमें  शामिल  हुई  थीं।  इसमें  विजेता  टीम  थी  कनाडा,  जिसे  दो  फीट  और  छह  इंच  की  सिल्वर  ट्रॉफी  से  नवाजा  गया  था।  काफी  समय  तक  कॉमनवेल्थ  गेम्स  के  शुरूआती  प्रारूप  में  कोई  बदलाव  नहीं  हुआ।  वर्ष  1928  में  जब  एम्सटर्डम  ओलंपिक  आयोजन  हुआ,  तो  फिर  ब्रिटिश  साम्राज्य  ने  इसे  शुरू  करने  का  निर्णय  लिया।  हैमिल्टन,  ओटेरिया  कनाडा  में  शुरू  हुए  पहले  कॉमनवेल्थ  गेम्स।

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