आधुनिक युद्ध और जीत Adhunik Yuddh Aur Jeet By Avinash Ranjan Gupta


आधुनिक युद्ध और जीत  
      आज का पारिवारिक, व्यावसायिक और सामाजिक जीवन किसी युद्ध से कम नहीं है और जैसा कि हम सभी जानते हैं, चाहते हैं और मानते हैं कि युद्ध में विजयी होने पर ही हमारी आन-बान, शान और मान में बढ़ोतरी होती है। हम आम से खास बन जाते हैं। इससे एक बात तो तय है कि सभी युद्ध में जीतना चाहते हैं पर युद्ध का उद्देश्य क्या होना चाहिए? जीत के लिए किन-किन कौशलों की आवश्यकता है? युद्ध में जीतने के लिए क्या रणनीतियाँ बनानी होंगी? एक योद्धा में कौन-कौन से गुणों का होना परम आवश्यक है, इस बात की जानकारी के बिना युद्ध जीत पाना असंभव है।     
      युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए एक उत्तम उद्देश्य का होना आवश्यक है, योद्धा में विविध गुणों का होना अपेक्षित (Expected) है, युद्ध की प्रभावी रणनीति बनाने की अनिवार्यता (Necessity) होती है तथा एक विशाल सेना का होना भी अत्यंत अपरिहार्य (Inevitable) है और इन्हीं सबों के सुगठित और सुव्यवस्थित प्रयास से जो प्रयाण (March) होता है तो फ़तह (Victory) मिलती ही है। बात चाहे घर की हो, रिश्तेदारी की हो, समाज की हो, राज्य की हो, राष्ट्र की हो हर जगह किसी न किसी रूप में युद्ध चलता ही रहता है और हर पक्ष जीत हासिल करना चाहता है पर जीत उसी की होती है जो सर्व गुण संपन्न हो। आज अमेरिका सारे देशों का दादा बना हुआ है इसका कारण है कि उसने अपने आपको तकनीकी और आर्थिक रूप से बहुत ही विकसित कर लिया है। आज सभी अमेरिका का लोहा मानते हैं। अमेरिका से घूम कर आने को भी लोग किसी वरदान से कम नहीं मानते।
      व्यक्तिगत स्तर पर विचार करें तो हम जान पाएँगे कि जब हम विशेष उद्देश्यों के साथ-साथ, अपने अंदर कुशलता और सद्गुणों के अतिरिक्त, लोक व्यवहार की कला, ज़्यादा-से ज़्यादा जन-समर्थन हासिल करने में समर्थ हो जाते हैं, तो हम जीत के काफी निकट पहुँच जाते हैं। इनमें से किसी एक की भी कमी आपके हार का कारण बन सकती है। ब्रिटिश साम्राज्य का दुनिया के विभिन्न देशों में शासन करने का और फिर विभिन्न देशों से शासन हटने का एकमात्र यही कारण था कि अंग्रेज़ो के पास जीत हासिल करने के सभी साधनों के होने के बावजूद भी वे उत्तम उद्देश्य से वंचित थे फलस्वरूप उनका अंत हुआ।  महात्मा गाँधी के पीछे सारा देश चलने को तैयार रहता था। सुभाष चंद्र बोस ने उपरोक्त गुणों के कारण ही आज़ाद हिंद फौज़ का गठन किया और नेताजी नाम से प्रसिद्ध हुए। वर्तमान में बाबा रामदेव के समर्थकों और भक्तों की संख्या आज की तारीख में किसी से छिपी हुई नहीं है। इन उपलब्धियों के पीछे मूलत: यही गुण विद्यमान थे और हैं।  
      आप भी अगर विजयी बनना चाहते हैं तो अपने विपक्षों के बारे में सोचकर अपनी ऊर्जा व्यय न कर अपने को सक्षम बनाने और ऊपर लिखित गुणों का समावेश करने में समय नियोजित करें।

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