Jabse Tumo Dekha Hai By Avinash Ranjan Gupta


जबसे तुमको देखा है.....   
जबसे देखा तुमको
पाई इक पहचान,
तुमको अपना धर्म बनाया,
तुमको ही ईमान।    
चाहा मैंने तुझको  
दिल से मेरी जान,
चाहत की राहत बनकर तू,
कर मुझपे एहसान।
जबसे देखा तुमको
पाई इक पहचान,
तुमको अपना धर्म बनाया,
तुमको ही ईमान।
तू है मेरी शान,  
तू है मेरी जान,
फरिश्तों ने फैलाया है,
ये पाक-ए-फ़रमान,
दिल में आई है तू,  
बनकर दिल आन,       
तू है मेरी ज़िंदगी,
तू मेरा ज़हान।
जबसे देखा तुमको
पाई इक पहचान,
तुमको अपना धर्म बनाया,
तुमको ही ईमान।                                                          अविनाश रंजन गुप्ता

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