Prashn 2

2 -निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए -
1. अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।
2. वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
    एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।
3. उड़ा दिए थे मैंने                                                
   अच्छेअच्छे सूरमाओं के धज्जे।

1.    कविता के इन पंक्तियों का आशय यह है कि जिस तोप ने अत्यंत क्रूरता से स्वतंत्रता सेनानियों का दमन किया था। वह तोप आज क्रूरता की प्रतीक बनकर कंपनी बाग के द्वार पर निस्तेज पड़ी हुई है। दिन भर छोटे-छोटे बच्चे उसमें घुड़सवारी का आनंद लेते हैं और जब वह निष्क्रिय तोप बच्चों से मुक्त हो जाती है तो चिड़ियाँ उसपर उछलती-फुदकती हैं। उन चिड़ियों को देखकर ऐसा लगता है कि वे आपस में बातें कर रही हों।      
2.    प्रस्तुत पंक्तियों का आशय यह है कि कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो एक न एक दिन उसे निस्तेज होना ही पड़ता है। पूरे भारत में अपनी हुकूमत कायम करने वाले अंग्रेज़ों ने अपने आप को सर्वशक्तिमान मान लिया था परंतु उन्हें भी एक दिन भारत छोड़कर जाना ही पड़ा।
3.     कविता के इन पंक्तियों में मानवीकारण अलंकार का प्रयोग हुआ है जिसमें तोप कह रहा है कि मैंने अत्यंत क्रूरता से स्वतंत्रता सेनानियों के चिथड़े उड़ा दिए थे। लोग मुझे देखकर भयभीत हो जाया करते थे। परंतु आज मैं निस्तेज यहाँ पड़ा हुआ हूँ जिसकी अब कोई खास अहमियत नहीं रह गई है।  

Comments