Bhasha Karya

भाषा—अध्ययन
1 - रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते हैं -                                     
सरल वाक्य - सरल वाक्य में कर्ता, कर्म, पूरक, क्रिया और क्रिया विशेषण घटकों या इनमें से कुछ घटकों
का योग होता है। स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने वाला उपवाक्य ही सरल वाक्य है।
उदाहरण - लोग टोलियाँ बनाकर मैदान में घूमने लगे।
संयुक्त वाक्य - जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र या मुख्य उपवाक्य समानाधिकरण योजक से जुड़े हों, वह संयुक्त वाक्य कहलाता है। योजक शब्द - और, परंतु, इसलिए आदि।
उदाहरण - मोनुमेंट के नीचे झंडा फहराया जाएगा और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी।
मिश्र वाक्य - वह वाक्य जिसमें एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों, मिश्र
वाक्य कहलाता है।
उदाहरण - जब अविनाश बाबू ने झंडा गाड़ा तब पुलिस ने उनको पकड़ लिया।
निम्नलिखित वाक्यों को सरल वाक्यों में बदलिए -
I (क) दो सौ आदमियों का जुलूस लालबाज़ार गया और वहाँ पर गिरफ़्तार  हो गया।
(ख) मैदान में हज़ारों आदमियों की भीड़ होने लगी और लोग टोलियाँ बनाबनाकर मैदान में घूमने लगे।
(ग) सुभाष बाबू को पकड़ लिया गया और गाड़ी में बैठाकर लालबाज़ार लॉकअप में भेज दिया गया।
ii ‘बड़े भाई साहबपाठ में से भी दोदो सरल, संयुक्त और मिश्र वाक्य छाँटकर लिखिए।
2  -  निम्नलिखित वाक्य संरचनाओं को ध्यान से पढ़िए और समझिए कि जाना, रहना और चुकना क्रियाओं का प्रयोग किस प्रकार किया गया है।
(क) 1  -  कई मकान सजाए गए थे।
2 - कलकत्ते के प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए थे।
(ख) 1 - बड़े बाज़ार के प्रायः मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था।
2 - कितनी ही लारियाँ शहर में घुमाई जा रही थीं।
3 - पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी।
(ग) 1 - सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था, वह प्रबंध कर चुका था।
2 - पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था।
3 - नीचे दिए गए शब्दों की संरचना पर ध्यान दीजिए -
विद्या + अर्थी  -  विद्यार्थी
विद्याशब्द का अंतिम स्वर और दूसरे शब्द अर्थीकी प्रथम स्वर ध्वनि जब मिलते हैं तो वे मिलकर दीर्घ स्वर में बदल जाते हैं। यह स्वर संधि है जो संधि का ही एक प्रकार है।
संधि शब्द का अर्थ है - जोड़ना। जब दो शब्द पासपास आते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि बाद में आने वाले शब्द की पहली ध्वनि से मिलकर उसे प्रभावित करती है। ध्वनि परिवर्तन की इस प्रक्रिया को संधि कहते हैं। संधि तीन प्रकार की होती है - स्वर संधि, व्यंजन संधि, विसर्ग संधि। जब संधि युक्त पदों को अलगअलग किया जाता है तो उसे संधि विच्छेद कहते हैं
जैसे - विद्यालय विद्या + आलय
नीचे दिए गए शब्दों की संधि कीजिए -
1  -  श्रद्धा + आनंद =   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -
2  -  प्रति + एक =   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -
3  -  पुरुष + उत्तम =   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -
4  -  झंडा + उत्सव =   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -
5  -  पुनः + आवृत्ति =   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -
6  -  ज्योतिः + मय =   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -   -




 1. ) दो सौ आदमियों का जुलूस लालबाज़ार जाकर गिरफ़्तार हो गया।
) हज़ारों आदमियों की भीड़ होने पर लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूमने लगे।
) सुभाष बाबू को पकड़कर गाड़ी में बैठाकर लालबाज़ार लॉकअप में भेज दिया गया।
1.ii
सरल वाक्य
1. वे स्वभाव से अध्ययनशील थे।
2. इतिहास में रावण का हाल तो पढ़ा ही होगा। 
संयुक्त वाक्य
1. उनकी नज़र मेरी ओर उठी और प्राण निकल गए।
2. मुद्रा कांतिहीन हो गई थी, मगर बेचारे फेल हो गए।
मिश्र वाक्य
1. मुझे कुछ ऐसी धारणा हुई कि मैं पास हो जाऊँगा।
2. उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था, जब मैंने शुरू किया। 
 2.
() 1. कई मकान सजाए गए थे
      2. कलकत्ते के प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए थे
() 1. बड़े बाजार के प्राय : मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था
      2. कितनी ही लारियाँ शहर में घुमाई जा रही थीं
      3. पुलिस भी अपनी पूरी ताकत से शहर में गश्त देकर प्रदर्शन कर रही थी
() 1. सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था, वह प्रबंध कर चुका था
      2. पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था
3. 1. श्रद्धा + आनंद =श्रद्धानंद
2. प्रति + एक = प्रत्येक
3. पुरुष + उत्तम =पुरुषोत्तम
4. झंडा + उत्सव =झंडोत्सव
5. पुन: + आवृत्ति =पुनरावृत्ति
 6. ज्योति: + मय =ज्योतिर्मय



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