Prashn 4

लिखित
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
1- एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभीकभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।
2- सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरेचौड़े हिमविदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज़्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
3- बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपडे़ में लपेटाछोटीसी पूजाअर्चना की और इनको बर्फ़ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने मातापिता का ध्यान आया।

1.  इस कथन के माध्यम से कर्नल खुल्लर यह कहना चाहते हैं कि एवरेस्ट पर पहुँचना एक महान अभियान है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने की लालशा में कितने लोगों  की मृत्यु हो चुकी है। इस अभियान में कदम-कदम पर खतरा बना रहता है। 
2.  इन कथनों के माध्यम से लेखिका एवरेस्ट अभियान की भयावहता को सजीव कर रही हैं। बड़े—बड़े हिम खंडों का गिरना और उसके परिणाम बड़े ही खतरनाक हैं। लेखिका हिम – विदर की कल्पना कर सिहर उठती है। इसके अतिरिक्त हिमपात का प्रकोप इस अभियान को और भी अधिक भयानक बना रहा था परंतु बिना हिम्मत खोए वो अपना लक्ष्य प्राप्त करती है।     
3.  लेखिका एवरेस्ट की शंकु पर पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला हैं। लेखिका ने अपने विजय का श्रेय माँ  दुर्गा और हनुमानजी को दिया  एवरेस्ट की शंकु पर इनकी पूजा यह दर्शाता है कि ये धार्मिक स्वभाव की हैं। ये पल उन्हें अपने जीवन के सबसे आनंद के पल लग रहे थे जिसे वह अपने माता-पिता के साथ बाँटना चाहती थी। इससे यह पता चलता है कि ये अपने माता-पिता का बहुत सम्मान करती हैं।


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