Prashn 2

लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1 - गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?
2 - गांधीजी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?
3 - महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?
4 - महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?
5 - महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधीजी क्या कहते थे?

1.    सन् 1919 में जलियाँवाला बाग के हत्याकांड के दिनों में पंजाब जाते हुए गांधीजी को पलवल स्टेशन पर गिरफ़्तार किया गया था। गांधीजी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कहा था ।    
2.    गांधीजी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई उनकी बातों की संक्षिप्त टिप्पणियाँ तैयार करके उनको गांधीजी के सामने पेश करते थे और आनेवालों के साथ उनकी रूबरू मुलाकातें भी करवाते थे । 
3.    महादेव भाई ने संयुक्त रूप से टैगोरशरदचंद्र की रचनाएँ  चित्रांगदा’ ‘विदाई का अभिशाप’ आदि अनुवाद किया तथा महादेव भाई ने गांधीजी की आत्मकथा ‘’सत्य के प्रयोग प्रसिद्ध पुस्तक का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया था जो  उस समय की उनकी साहित्यिक गतिविधियों की देन हैं। 
4.    महादेव भाई वर्धा की असह्य गरमी में रोज़ सुबह पैदल चलकर सेवाग्राम पहुँचते थे। वहाँ दिनभर काम करके शाम को वापस पैदल आते थे। जातेआते पूरे 11 मील चलते थे। रोज़रोज़ का यह सिलसिला लंबे समय तक चला। कुल मिलाकर इसका जो प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, उनकी अकाल मृत्यु के कारणों में वह एक कारण माना जा सकता है।


5.     महादेव भाई की लेखन प्रतिभा अद्वितीय थी, उनके समान सुंदर लिखने वाला  खोजने पर भी नहीं मिलता था।  अन्य की लेखनी में भूलें या कमियाँखामियाँ मिल जाएँ, लेकिन महादेव की डायरी में या नोटबही में मजाल है कि कॉमा मात्र की भी भूल मिल जाए। गांधीजी अन्य लेखकों से कहते: महादेव के लिखे नोट के साथ थोड़ा मिलान कर लेना था न और लोग दाँतों अँगुली दबाकर रह जाते।

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