Prashn 2

लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1- धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना क्यों नहीं की जा सकती?
2- हमारी सभ्यता धूल से क्यों बचना चाहती है?
3- अखाड़े की मिट्टी की क्या विशेषता होती है?
4- श्रद्धाभक्तिस्नेह की व्यंजना के लिए धूल सर्वोत्तम साधन किस प्रकार है?
5- इस पाठ में लेखक ने नगरीय सभ्यता पर क्या व्यंग्य किया है?

1.  माँ और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं। माँ की गोद से बच्चा उतरकर  मातृभूमि के संपर्क में आता है। यही मातृभूमि हमारी प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है और बच्चे  इसी मिट्टी में खेलते हैं इसलिए धूल के बिना शिशु की कल्पना  नहीं की जा सकती।
2.  हमारी सभ्यता धूल से बचना चाहती है क्योंकि वो आसमान में घर बनाना चाहती है। वे जीवन की मूलभूत सच्चाइयों से अंजान हैं। उन्हें दिखावटी शहरी जीवन ही जीवन का अंतिम उद्देश्य लगने लगा है। 
3.  अखाड़े की मिट्टी साधारण नहीं होती है। इसे तेल और मट्ठे से सिझाया जाता है और देवताओं पर भी चढ़ाया जाता है। अखाड़े की मिट्टी में सनने का सुख दुर्लभ है। इन्हीं कारणों की वजह से अखाड़े की मिट्टी विशेष है।
4.  योद्धा अपने देश की मिट्टी से स्नेह करता है इसलिए वह इसे माथे से लगाता है। देशभक्त होने के कारण ही अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने आप  को कुर्बान करने के लिए तैयार रहता है और यह उसकी श्रद्धा ही है कि अनेक कष्टों को सहने के बाद भी सीमा की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहता है।
5.  लेखक का मानना है कि शहर के लोगों ने गुलाबी चश्मा पहन रखा है जिसकी वजह से उन्हें वास्तविकता दिखाई नहीं पड़ती है। शहरी लोग धूल और मिट्टी से बचना चाहते हैं जबकि सत्य तो यह है कि हम और हमारा अस्तित्व इस मिट्टी की वजह से ही है।

Comments