Prashn 3
2 -निम्नलिखित अंशों की व्याख्या कीजिए -
(क) यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं
एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया
(ख) समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर
1. प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कह रहे हैं कि शहर में होने वाले द्रुत गति के निर्माण के कारण सब कुछ एक ही दिन में बदल जाता है। ऐसे में घर तक पहुँचने के पहचान के लिए तय किया गया संकेत कहीं अदृश्य हो जाता है। अतः अब स्मृति पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
2. कवि अपनी इन पंक्तियों में यह कह रहे हैं कि अब तो समय भी बहुत कम है बारिश भी होने वाली है और अभी तक मैं घर नहीं ढूँढ़ पाया हूँ। अब तो यही उम्मीद है कि कोई जाना पहचाना बुला ले तो बहुत अच्छा हो। यहाँ कवि के कहने का आशय यह है कि मनुष्य प्रकृति के नियमों का उलंघन कर रहा है जिसके दुष्परिणाम मौसम में होने वाले बदलाव के रूप में देखे जा सकते हैं।
2 -निम्नलिखित अंशों की व्याख्या कीजिए -
(क) (i) पीपल के पत्ते—से नए—नए हाथ
जूही की डाल—से खुशबूदार हाथ
(ii) दुनिया की सारी गंदगी के बीच
दुनिया की सारी खुशबू
रचते रहते हैं हाथ
(ख) कवि ने इस कविता में ‘बहुवचन’ का प्रयोग अधिक किया है? इसका क्या कारण है?
(ग) कवि ने हाथों के लिए कौन—कौन से विशेषणों का प्रयोग किया है?
क i. प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कह रहे हैं पीपल के पत्ते जैसे नए-नए हाथ अर्थात छोटे बच्चों के कोमल हाथ जूही की डाल जैसे खुशबूदार हाथ अर्थात नवयुवतियों के सुंदर-सुंदर हाथ गंदी बस्तियों में अगरबत्तियाँ बनाते हैं।
ii. दुनिया भर की गंदगी के बीच अगरबत्तियों का निर्माण होता है। इन अगरबत्तियों को उभरी नसों वाले हाथ, घीसे नाखूनों वाले हाथ, गंदे कटे-पिटे हाथ, जख्म से फटे हुए हाथ यानी व्यस्क लोग तो बनाने में लगे ही हुए हैं ये उनकी जीविका का साधन है पर इस कार्य में छोटे-छोटे बच्चे भी लगे हुए हैं जिनके हाथ पीपल के नए पत्ते जैसे हैं। नवयुवतियों के हाथों को देखने से ऐसा लगता है मानो ये जूही की कोमल कली हों। अतः खुशबू रचते हैं हाथ।
(ख) कवि ने इस कविता में ‘बहुवचन’ शब्दों का प्रयोग जैसे- नाखूनों, गलियों, नालों, गंदे हाथों आदि का प्रयोग अधिक किया है क्योंकि यह किसी एक मजदूर की समस्या नहीं बल्कि जनसंख्या के बहुत बड़े हिस्से की समस्या है जिसका समाधान अत्यंत आवश्यक है।
(ग) कवि ने हाथों के लिए निन्म्लिखित विशेषणों का प्रयोग किया है -
v उभरी नसों वाले हाथ
v घीसे नाखूनों वाले हाथ
v पीपल के पत्ते जैसे नए-नए हाथ
v जूही की डाल जैसे खुशबूदार हाथ
v गंदे कटे-पिटे हाथ।
v जख्म से फटे हुए हाथ।
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